ठहराव (Thehrav)

ठहराव (Thehrav)




हर वक़्त गुज़र जाता है, 
कारवां ज़िन्दगी का चलता रहेगा..
आज एक मुश्किल दौर है,
पर ये दौर भी कब तक रहेगा।

कुछ आदत सी पड़ गयी है हमें,
खुद से बात करना मुश्किल लगे..
दुनिया की इस भेड़ चाल में हमें
बस चलते जाना ही अच्छा लगे।

कभी कभी ठहराव भी ज़रुरी है,
ज़रा इत्मिनान से सोच कर देखो..
कहाँ वक़्त मिलता है यूँ हमेशा,
ज़रा अपनी रूह से पूछ कर देखो।

ये रास्ते जो आज सूने पड़े है,
इनकी आवाज़ सुनाई दे रही है..
कुछ सुकून तो मिला इन्हें भी,
इनकी दास्तान तो अनकही है।

कल फिर ज़िन्दगी रफ़्तार लेगी,
कुदरत का ये दस्तूर चलता रहेगा..
फिर न मिलेगी पल-भर फुरसत हमें,
शिकायतों का दौर फिर चलता रहेगा।।

- समीर उर्फ 'सहर नवाबी'

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