मंज़िल की खोज (Discovering the Target)

मंज़िल की खोज



ज़िन्दगी ये एक ख्वाब सी लगती है,
चंद पन्नों की किताब सी लगती है,
इन पन्नों का वक़्त के साथ करार है,
कुछ तो अपनी कहानी कह गए और..
कुछ को अपने वक़्त का इंतज़ार है।

कई बेमिसाल हस्तियों की दास्तान,
हो गयी पूरी, उनके रह गए निशान,
कई दौर बन गए, कई आने वाले हैं,
कुछ लोग इतिहास बन गए और..
कुछ लोग इतिहास बनाने वाले हैं।

कई रिश्ते छूट गए, कई दोस्त रूठ गए,
कभी वक़्त की कमी से कुछ दिल टूट गए,
याद आतें हैं कभी, वो खुशियों भरे पल,
हो जाती हैं आंखें ये, आँसुओं से बोझल..
बस देता है दिलासा, जो है आने वाला कल।

सभी के पास बस वक़्त की कमी है,
कभी आंखों में खुशियाँ, कभी नमी है,
न जाने कितनी कहानियाँ अनकही हैं,
करो कोशिश कि दामन तुम्हारा बेदाग हो..
न हो अफसोस, ज़िन्दगी की जब शाम हो।।

-समीर उर्फ "सहर नवाबी"

Creating History for Your Storyworld - YouTube

Comments

Popular posts from this blog

मेरी माँ (माँ पर कविता) - Meri Maa (Maa Par Kavita)

जीवन के रंग (Colours of Life)

फ़ितरत